आपके द्वारा अनजाने में की गयी इन गलतियों के कारण ब्लड प्रेशर पर खो देते हैं कंट्रोल

आपके द्वारा अनजाने में की गयी इन गलतियों के कारण ब्लड प्रेशर पर खो देते हैं कंट्रोल

सेहतराग टीम

हाईपरटेंशन यानी उच्‍च रक्‍तचाप पूरी दुनिया में साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है। ये ऐसी बीमारी है जो अकसर बिना किसी लक्षण के लोगों को अपना शिकार बना लेती है। पूरी दुनिया में करीब 1 अरब 13 करोड़ लोग इससे पीड़ित हैं, जबकि सिर्फ भारत में लगभग 20 करोड़ लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं। ये ऐसी समस्‍या है जिसका एकमात्र इलाज है सही समय पर इसे कंट्रोल करना और इसके लिए जरूरी है कि समय पर इसका पता लग जाए और उसके बाद नियमित रूप से ब्‍लड प्रेशर की जांच होती रहे ताकि ये पता लगता रहे कि ये कंट्रोल में है या नहीं। पहले जहां हाई बीपी की बीमारी बुजुर्गों में आमतौर पर देखी जाती थी वहीं, अब 20-20 साल के युवाओं को नहीं बल्कि बच्चों को भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो रही है। भारत की करीब 40 प्रतिशत शहरी आबादी हाइपरटेंशन की समस्या से पीड़ित है। आइए जानते हैं कि इस बीमारी के इतना बढ़ने की वजह क्या है।

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हाई ब्लड प्रेशर है क्या?

आसान शब्दों में इसे समझने की कोशिश करें तो जब भी हमारा हृदय धड़कता है यानी पंप करता है तो यह आरटरीज यानी धमनियों के जरिए हमारे पूरे शरीर तक खून को भेजने का काम करता है। इन्हीं धमनियों से कितना खून पास हो रहा है इसे ही ब्लड प्रेशर कहते हैं। जब आरट्री 120/80 ब्लड प्रेशर की नॉर्मल रीडिंग है और 120/80 से लेकर 139/89 तक को नॉर्मल रेंज के बीच माना जाता है। हालांकि आपके ब्लड प्रेशर का कौन सा लेवल नॉर्मल है यह आपके शरीर को ध्यान में रखते हुए आपके डॉक्टर ही आपको बता सकते हैं।

हाई बीपी बनता है इन बीमारियों की वजह-

डॉक्टरों की मानें तो हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत मुख्य रूप से लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है जिसकी वजह से एक नहीं बल्कि कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे- हार्ट अटैक या स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, किडनी पर बुरा असर, आंखों के ब्लड वेसल्स पर बुरा असर, डिमेंशिया, याददाश्त कमजोर आदि। ऐसे में ब्लड प्रेशर हाई हो जाए उसके बाद दवाइयां खानी पड़े उससे तो बेहतर है कि हम प्रिकॉशन लें। हम आपको बता रहे हैं कि आपकी उन हर दिन की आदतों के बारे में जिसकी वजह से जाने अनजाने आप बन रहे हैं हाई बीपी के मरीज।

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पहला कारण है स्ट्रेस-

आज की भाग-दौड़ भरी लाइफ में स्ट्रेस किसकी लाइफ में नहीं है। छोटे-छोटे स्कूली बच्चे भी एग्जैम का प्रेशर लेकर स्ट्रेस में आ जाते हैं। किसी को ऑफिस के काम का स्ट्रेस है तो किसी को घर संभालने का। कुल मिलाकर देखें तो हर कोई प्रेशर में है और स्ट्रेस से भरी लाइफ जी रहा है। स्ट्रेस की वजह से शरीर में ब्लड प्रेशर को बढ़ाने वाले हॉर्मोन्स रिलीज होने लगते हैं जिस वजह से ब्लड वेसल्स पर प्रेशर पड़ने लगता है और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।

ज्यादा नमक का सेवन करना-

आपने बहुत से लोगों को देखा होगा जो नमक तेज खाते हैं। उन्हें हर चीज में नमक कम लगता है और वो ऊपर से नमक डालकर खाना खाते हैं। सलाद में ज्यादा नमक डालकर खाते हैं। खाने के साथ ढेर सारा नमक लेकर बैठते हैं, सॉल्टेड वाली प्लेन चिप्स तो मिनटों नहीं सेकंड्स में खत्म कर देते हैं। अगर आपकी आदत भी ऐसी है तो आज ही इसे बदल दें। ज्यादा नमक खाने से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है जिस वजह से किडनी में वॉटर रिटेंशन होने लगता है और आपके खून में ढेर सारे फ्लूइड्स बहने लगते हैं जिस वजह से रक्त धमनियों यानी ब्लड वेसल्स में प्रेशर बढ़ता है और ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है।

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धूम्रपान या शराब का सेवन-

जरूरी नहीं कि आप चेन स्मोकर ही हों लेकिन अगर आप कभी-कभार भी स्मोकिंग कर लेते हैं तब भी आपको हाई ब्लड प्रेशर होने का रिस्क काफी बढ़ जाता है। सिगरेट में मौजूद निकोटिन ब्लड वेसल्स को स्थायी रूप से संकुचित कर देते हैं जिस वजह से ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। बहुत ज्यादा ऐल्कॉहॉल का सेवन करने से भी हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है। हर दिन 1 या 2 ड्रिंक से ज्यादा पीना आपको बीपी का मरीज बना सकता है।

बढ़ता हुआ वजन-

जो लोग मोटापे का शिकार हैं उनके शरीर में फैटी टीशूज अधिक होता है जिस वजह से ब्लड वेसल्स संकुचित होने लगते हैं और उनका वस्कुलर रेजिस्टेंज भी बढ़ने लगता है जिस वजह से हार्ट को दिनभर में ज्यादा खून पंप करना पड़ता है और हार्ट का काम अगर बढ़ जाता है तो यह ब्लड प्रेशर बढ़ने की सबसे बड़ी निशानी है।

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दिनचर्या में कोई भी फिजिकल एक्टिविटी शामिल न करना-

अगर आप दिनभर एक ही जगह पर बैठे रहते हैं किसी तरह का कोई एक्सर्साइज नहीं करते, फिजिकल ऐक्टिविटी नहीं करते तो इससे भी आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता क्योंकि हाई बीपी और एक्सर्साइज दोनों आपस में कनेक्टेड हैं। अगर आपको पहले से हाई बीपी है तो एक्सर्साइज के जरिए आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं। फिजिकल ऐक्टिविटी करने से हार्ट स्ट्रॉन्ग बनेगा और स्ट्रॉन्ग हार्ट को खून को शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी। इससे आर्ट्रीज पर प्रेशर कम होगा और बीपी अपने आप कंट्रोल में रहेगा।

 

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